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Saturday 31 August 2019

भारत की कूटनीतिक विजय

भारत की कूटनीतिक विजय

धारा 370 भारत के संविधान में पांव में लगी उस फांस के सामान थी जो कोशिकाओं में समय की नौक पर रिसते हुए धंसती गयी। सन् 1954 में राष्ट्रिपति के आदेश पर 35 A के सम्मिलन ने इस प्रक्रिया के उत्प्रेरण का कार्य किया। अन्ततः
5 अगस्त 2019 को शल्य क्रिया द्वारा ही इसका उपचार संभव हो सका।
धारा 370 के दो खंडो के संसद द्वारा निरस्त किये जाने से इसकी मारक क्षमता शून्य हो गयी जिसके फलस्वरूप भारत ने एक राष्ट्र के रूप में विश्व में उद्घोषित किया की भारत कभी भी अपनी राज्यक्षेत्रीय संप्रभुता से समझौता नही करेगा।
इसके उपरांत देश विदेश में भौगोलिक राजनीतिक हलचल तीक्ष्ण हो गयी।
संयुक्त राष्ट्र अमेरिका द्वारा कश्मीर कोे द्विपक्षीय मुद्दा बतलाना, यूरोपियन देशों से लेकर खाड़ी देशों का भारत को समर्थन करना, FATF द्वारा पाकिस्तान को blacklist करने की चेतवानी देना या G-7 में कश्मीर का ज़िक्र न होना, प्रत्येक दृष्टान्त में पाकिस्तान कूटनीतिक रूप से पूरी तरह पराजित हो गया है। पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र अमेरिका द्वारा आर्थिक सहायता पर प्रतिबन्ध लगने के उपरांत पाकिस्तान की अर्थवयवस्था अपने सर्वाधिक संवेदनशील दौर से गुज़र रही है। वाकई, अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता।
उस समय जब पाकिस्तानी रुपया डॉलर के मुकाबिल 150 गुना से अधिक गिर चुका है पाकिस्तान का परमाणु युद्ध की धमकी देना और हास्यप्रद नज़र आता है। क्योंकि शेर और मेमने में जंग नही लड़ी जाती शिकार खेला जाता है। जिसका निष्कर्ष पहले से ही स्पष्ट होता है।
पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति को देखते हुए एवं इतिहास को मद्देनज़र रखते हुए यह कहा जाये की पाकिस्तान में सेन्यतख्ता पलट निकट है तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नही होगी।
इस तरह पाकिस्तान को आर्थिक, राजनेतिक, रणनीतिक रूप से ध्वस्त करना भारत की कूटनीतिक विजय ही है।