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Freelance Journalist, Mechanical Engineer, Writer, Poet, Thinker, Creator of Naya Hindustan (Youtube)

Saturday, 10 September 2016

' A Poem For My College's Tech Fest Aarohan '

खेलकूद,दौड़-भाग,नाच-गान,वाद-विवाद |
रंग-तरंग,तीक्ष्ण मृदंग और दिलकश संवाद ||

टेबल टेनिस,बॉक्स क्रिकेट,शतरंज जैसे अनेकों खेल |
पोस्टर,रंगोली,रंग-बिरंगे  विहंगम रंगे चेहरों का मेल ||

हज़ारों उत्साही ज़हनों का सुसज्जित त्यौहार |
वर्षा बाद लौट आई हो जैसे वार्षिक बहार ||

शिक्षकों,छात्रों का प्रतीत होता अनूठा साथ |
उपस्तिथि से परे अब मिलने लगे हों ज़ज्बात ||

कुछ राज़ से कुछ बाज़ों का उठ गया पर्दा |
मुस्कुराती लहरों की स्वस्थ प्रतिस्पर्धा ||

पूर्णिमा कि मशाल का पुनः हो गया प्रज्जवलन |
बिगुल बजा, ध्वज फिरा,प्रारम्भ हुआ आरोहन ||

4 comments:

  1. fir b pta ni q is baar Aarohan, Aarohan sa ni tha..

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    1. Sir, you're attending 11 hours long autocad classes to reach at the pinnacle of Pinnacle.

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  2. Your writing has made 'Aarohan' seem interesting :)

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    1. Thank you very much Ankita di.Your feedback and appreciation always fill a dose of go-getter in me over and over again.

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